-जिले के डोलरिया सहित अन्य तहसीलों में किसान से हो रही नाइंसाफी, भारी आक्रोश, क्या किसान विरोधी है मोहन सरकार
नर्मदापुरम.
विधानसभा चुनाव और उसकी आचार संहिता के पहले शिवराज सरकार ने किसानों के 5 हार्सपावर के तक खेती के बिजली कनेक्शन के बिलों का माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन चुनाव के बाद अब किसानों पर कहर बरपाया जा रहा है। खेतों में लगी डीपियों व खंभों से उनके कनेक्शन उखाड़कर ले जाए जा रहे हैं। किसानों से 14-14 हजार रुपए का बिल वसूला जा रहा है। डोलरिया के कई पीड़ित किसानों ने हैलो न्यूज महाकाल डॉट कॉम को फोन कर बिजली अधिकारियों की मनमानी की ये बातें बताई है.किसानों ने बताया कि इन दिनों रबी की मुख्य फसल गेहूं एवं चने की बढ़वार के लिए खेतों में पानी चल रहा है। इसके लिए मोटरें चलाकर पानी देना जरूरी है, लेकिन गांवों में पहुंचकर बिजली विभाग के यंत्री, उपयंत्री और उनके लाइनमैन-कर्मचारी सीधे खेतों में धमककर बिजली के तार, स्टार्टर, डीपी के बायर आदि सामग्री को जब्त कर ले जा रहे। ये सिलसिला नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के शपथ लेने के बाद से ही जारी है। किसानों ने इस मनमानी पर आक्रोश जताते हुए बिजली दफ्तरों पर प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है। इस संबंध में क्रांतिकारी किसान-मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि जल्द ही कलेक्टर-कमिश्नर एवं बिजली कंपनी के जीएम को ज्ञापन देकर बिजली बिलमाफी का पालन करने की मांग की जाएगी।
किसान हितैषी सरकार है तो फिर ये जुल्म क्यों
किसान पूछ रहे हैं कि जब प्रदेश की भाजपा की नई सरकार किसान हितैषी है तो फिर उन पर ये जुल्म क्यों ढाया जा रहा है। हाल ही कि केबिनेट एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में भी रबी सीजन के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पर्याप्त सिंचाई का पानी, बिजली-खाद दिए जाने के निर्देश दिए हैं, तो फिर इसके उलट किसानों से उनको दी जाने वाली सुविधाएं क्यों छीनी जा रही है। किसानों से जबरिया बिल की वसूली क्यों हो रही है। इसका जबाव जिला एवं संभागीय स्तर के प्रशासन एवं खुद बिजली अफसरों के पास भी नहीं है।